Dussehra 2021
1. दशहरा (विजयादशमी) 2021: इस दशहरा पर खत्म करिए आप अंदर की सभी बुराई और विकारों को ताकि पुर्ण मोक्ष मिल सके।
दशहरा हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। भगवान श्री राम रावण के वध करने के उपलक्ष में हर साल मनाया जाता है। दशहरा का त्योहार दिवाली के कुछ दिन पहले मनाया जाता है। इस बार 7 अक्टूबर को नवरात्रि दुर्गा पूजा शुरु हुआ है।
विजयादशमी (दशहरा 2021) का पर्व 15 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
दशहरा (विजयादशमी) 2021
हर साल यह पर्व आश्विन मास शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन उत्साह के साथ मनाया जाता है। लेकिन हिंदू धर्म में यह त्यौहार विषेश महत्व रखता है। पूरे देश में रावण के पुतले को फुकने की परम्परा है।
विजयादशमी 2021 यह त्यौहार भारती संस्कृति में वीरता व शौर्य का प्रतीत है। समाज में वीरता प्रकट हो इस लिए दशहरे (विजयादशमी) का उत्सव माया जाता है।
दशहरे का त्यौहार का क्यों मनाया जाता है..?
दशहरा (विजयादशमी) हिंदू का प्रमुख त्यौहार है। आश्विन (क्वार) मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इस त्यौहार का आयोजन होता है। इस त्यौहार को मानने के पीछे कई कारण है जैसे की:-
• श्री राम जी ने इसी दिन रावण का वध किया था।
• माता दुर्गा जी ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरांत महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी।
• इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इस लिए दशमी को 'विजयादशमी' के नाम से भी जाना जाता हैं।
दशहरा का क्या महत्व है?
ऐसा माना जाता है कि दशहरे के दिन लोग पान खाकर के असत्य पर सत्य की विजय का खुशी व्यक्त करते हैं। और बीड़ा उठाते हैं कि हमेशा सत्य के मार्ग पर चलेंगे। जब आप कभी रावण दहन देखने गए होंगे तो आप देखे होंगे कि आज पास बहुत सारी जलेबी और मिठाइयों की दुकान होती है। आपने कभी सोचा है कि दशहरे के दिन लोग जलेबी क्यों खाते हैं और रावण दहन के बाद लोग घर पर जलेबी क्यों ले जाते हैं। श्री राम जी को शासकुली मिठाई बहुत पसंद थी। जिसे आजकल जलेबी के नाम से जाना जाता है। और दहन के बाद लोग जलेबी खा करके खुशी मनाते हैं और घर ले जाते हैं।
किसने किया था रावण का अंत?
शिव जी से वरदान पाने के बाद रावण बहुत शक्तिशाली हो गया था उस को हराना नामुमकिन सा माने जाने लगा था। जब श्री राम और रावण का युद्ध हुआ तो रावण ने श्री राम जी के छक्के छुड़ा दिए थे। अंत में श्री रामचंद्र जी ने पूर्ण परमात्मा को याद किया तब परमात्मा ने सुक्ष्म रूप धारण कर के रावण को मारने में मदद की थी।
हम सब के अंदर भी रावण है
हमें काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार रूबी अपने अंदर के विकारों को मार कर के अपने अंदर के रावण पर विजय पाने की जरूरत है। सचमुच में रावण एक और सामाजिक प्रवृत्ति कार और अज्ञानता का प्रतीत है इसी विचारधारा है। दसारा विजयादशमी हमें एबी संदेश देता है कि अगर कोई गलत कार्य कर रहा है उसका विनाश निश्चित है भले ही वह रावण जैसा महा योद्धा क्यों ना हो। जानते हैं कि त्रेता युग का रावण तो मर गया लेकिन कलयुग का रावण जैसे दहेज, नशा, भ्रष्टाचार, यौन उत्पीड़न हमारे समाज में बहुत तेजी से फैल रहा हैै।
किसके ज्ञान से हमारा रावण समाप्त होगा?
धरती पर सभी सद्गुणों से युक्त मतलब (अवगुण, विकार रहित) सभी सिंगार से परिपूर्ण धरती पर बहुत कम संत विधान रहते हैं। लेकिन बहुसंख्या में कई युगों के बाद दुर्लभ समय आया है की संत रामपाल जी महाराज पूर्ण संत आए हुए है और उनकी दी गई शिक्षा से उनके सभी शिष्य सभी बुराइयों से दूर है।
एक बात साफ है की सभी जीव परमात्मा के अंश है इस लिए सभी में सद्गुण विधान होते है लेकिन कही ना कही जिंदगी भर किए सद्गुणों को हमारा एक अवगुण सत्यानाश कर देता है और एक साथ सभी सद्गुणों के साथ विकार रहित जीवन जी पाना बिना किसी विशेष शक्ति के बिना संभव नहीं है और वह पावर " जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज जी के पास है" जिससे इतनी बड़ी संख्या में लोग बुराई से मुक्त हो रहे है और यदि उनके कोई शिष्य में अवगुण है इसका मतलब वह संत जी के अमृत ज्ञान से अवगत नही हैं।
आध्यात्मिकता की स्थिति क्या है.?
भक्ति एक ऐसा माध्यम हैं जो ईश्वर के प्राप्ति का साधन है। भक्ति करना सबका अपना निजी आत्मकल्याण का मामला है इसमें कोई हस्तक्षेप या दबाव नही डाला जा सकता है। आध्यात्मिक ज्ञान बहुत ही रहस्य युक्त होता है और जो इस ज्ञान को जितना समझ पाते है उतना ही खुद का अनुभव बढ़ता जाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की कोई किसी ज्ञान पर आधारित है कोई किसी ज्ञान पर और ज्यादातर व्यक्ति जिस ज्ञान पर आश्रित होता है वह निष्पक्ष न होकर के उसी के पक्षधर हो जाते है और ऐसे में यह समस्या आती है की कौन सी उच्च स्तरीय और कौन सी निम्न स्तरीय भक्ति है उसका फैसला कर पाना मुश्किल हो जाता है। जब कोई भी व्यक्ति पूर्वाग्रह से ग्रसित होता है तो वह जिसका पछधर होता है उसे ही सत्य (सही) मानता है और दूसरो को गलत मानता है। यहां तक कि स्वयं ईश्वर आकर के ज्ञान देने लगा जाए तो भी ऐसे व्यक्ति भगवान को और उनके ज्ञान को झूठा साबित करने के लिए अपने अज्ञान के तथ्यों को लाकर भगवान के सत्य को भी झूठा साबित करने की कोशिश करता है। आज वही हाल संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान के साथ हो रहा है। उनके ज्ञान का मुख्य पहलू तो यह है की मानव सभी बुराइयों से रहित हो जाते वह सुकर्मि बन जाता है और अच्छे कर्म से परिपूर्ण जीव ईश्वर के प्राप्ति योग्य हो जाता है।
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शास्त्र के अनुसार भक्ति करने से हमें सर्व सुख और मोक्ष मिलता है और देखा जाए कि आज के समय में कोई पुरुष संत जो शास्त्र के अनुसार भक्ति बता रहा है तो वह संत रामपाल जी महाराज जी हैं अधिक जानकारी के लिए साधना चैनल 7:30 बजे शाम को देखें
ReplyDeleteयदि हमें सभी विकारों और अंदर की बुराइयों को समाप्त करना है तो सत्य के मार्ग पर चलना ही पड़ेगा वह सत्य ज्ञान क्या है यह भी एक रहस्य है इस सत्य ज्ञान को जानने के लिए हमें पूर्णता गीता जी में यही वर्णित है कि उससे परमेश्वर की शरण में जा जहां जाने के बाद पूर्ण मोक्ष हो जाता है और उस तत्वदर्शी संत की खोज कर और से नाम दीक्षा लेकर अपने जीवन का कल्याण कर तो आज वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज वाकई कोई माने या ना माने मगर आज समाज में तरह-तरह की भ्रांतियां फैली हुई है यदि किसी के बीच में जाकर कहें तो यही कहता है कि संत रामपाल जी महाराज कैसे ज्ञान देते हैं भगवान कैसे हैं वह कैसे पूर्ण संत है तो जब तक किसी की ज्ञान को हम नहीं समझेंगे तब तक कैसे जानेंगे कि वह सत्य है कि असत्य है अतः आप लोगों से नम्र निवेदन है कि आप लोग एक बार संत रामपाल जी महाराज की ज्ञान को सुनिए उनके मंगल प्रवचन भी आते हैं साधना चैनल 7:30 बजे या तो संत रामपाल जी महाराज यूट्यूब चैनल पर और तमाम भी सारे चैनल हैं ऐसी MH1 श्रद्धा टीवी 2:00,सुबह 5:00 बजे जनतंत्र टीवी,6:00 बजे नेपाल चैनल, 8:30 बजे शाम को ईश्वर चैनल सतलोकआश्रम यूट्यूब चैनल चैनल है जिससे आप उनको सुन सकते हैं आज पूरी दुनिया को संत रामपाल जी महाराज के नाम दीक्षा लेना अनिवार्य है क्योंकि लोग असमंजस में पड़ गए हैं निकलना सभी को प्रेम सद्भावना और तमाम प्रकार के जो भी अच्छी चीजें हैं कि बुरी चीजें तो मैं नहीं जानता हूं फिर भी यदि हम लोग उस संत की ऑडियो को सुने उनकी प्रवचन को सुनने उनकी बातों को सुने उनसे यदि नाम दीक्षा ले ले तो हमारे जीवन का कल्याण हो सकता है हम लोग एक सूत्र में बंध सकते हैं और सभी लोग का जीवन खुश में चलेगा सभी लोग खुद सुख यहां पर भी अनुभव करेंगे उस परमात्मा के बताए हुए मार्ग पर चलकर पर लोग सुखी हो जायेंगे आप लोगों से नम्र निवेदन है कि आप लोग कृपया संत रामपाल जी महाराज के प्रवचन को सुनें और अधिक से अधिक उनकी बातों को सुने आप लोगों से हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि आप लोग संत रामपाल जी महाराज की बातों को सुने सुने अवश्य सुने उनके मंगल प्रवचन अवश्य देखें धन्यवाद धन्यवाद सत साहेब
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteNice ❤️
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