Valentine Day 2022

Valentine day से हो रहा है संस्कार का हनन।

                              
                                 
Velentine Day


आज हम आपको बताएंगे की valentine Day कैसे और कितना हमारे समाज के लिए हानिकारक है तथा कैसे आज हमारे समाज में velentine Day के आंड में अश्लीलता फैलाई जा रही हैं और हमारे संस्कारों का हनन हो रहा है साथ ही हम आप को बताएंगे की कैसे आप और आप का परिवार संस्कारी बन सकता है?

जानने के लिए पूरा ब्लॉग अवश्य पढ़िए:-

Valentine Day Story in Hindi ( वैलेंटाइन डे की कहानी)

वैसे तो हम सभी जानते है यह दिन प्रेम (love) करने वालो के लिए बहुएं खास होता है, लेकिन इसके पीछे भी एक कारण है। दरअसल वेलेंटाइन किसी दिन का नाम नही यह एक पादरी का नाम है। लेकिन इसके बारे में बहुत से इतिहासकारों में मतभेद हैं, अगर कुछ इतिहासकारों की माने तो जिस वक्त रोम में स्म्राट क्लाडिसन का राजा था उस में वेलेंटाइन रोम का पादरी था। सम्राट क्लाडिसन अपने साम्राज्य का विस्तार करना चाहते थे, इस लिए उन्होंने ज्यादा से ज्यादा आर्मी में शामिल होने के लिए कहा। लेकिन फिर भी जिन लोगो का परिवार था उन लोगो ने आर्मी में शामिल नही हुए। सम्राट क्लाडिसन इस बात से तंग आकर ऐलान कर दिया की कोई भी शादी नही करवाएगा। लेकिन पादरी वेलेंटाइन ने इच्छुक लोगो की शादी करना जारी रखा, जब इस बात का क्लाडिसन को पता चला तो उसने वेलेंटाइन को मौत की सजा सुना दी। कहा जाता है जब पादरी वेलेंटाइन फ़ासी से पहले की सजा काट रहा था तब सम्राट की बेटी से प्यार हो गया। पादरी वेलेंटाइन अपनी मौत से पहले अपनी प्रेमिका को खत लिखा इसका टाइटल था "तुम्हारा वेलेंटाइन" । जिस दिन वेलेंटाइन को फासी दी गई वह तारीख 14 फरवरी थी तभी इस दिन को प्यार करने वाले के नाम से मनाया जानें लगा।

Valentine Day 2022: प्रेम के अनेकों रूप 

अगर बात करे प्रेम की तो प्रेम केवल युवा लड़के लड़की के बीच नही होता बल्कि यह हर रिस्तो को बनाए रखने की कड़ी है। प्यार भाई, बहन, माता - पिता, दोस्त, गुरू - शिष्य आदि के बीच भी होता है, इस तरह हम कह सकते है प्रेम के अनेकों रूप होते है। लेकिन यही निष्काम प्रेम परमात्मा के साथ किया जाए तो जीवन की असली दिशा बदली जा सकती है।

Read second page: प्रेम प्रसंग कैसा होता है?


Valentine Day 2022: प्रेम का बदलता स्वरूप

लेकिन अगर बात करे प्यार की तो दिन प्रतिदिन बदलता जा रहा है, यहाँ पहले प्यार को त्याग का प्रतिक माना जाता था लेकीन अब इसका जगह स्वार्थ ने ले ली है पहले लोग प्रेम (love) करते थे और उनका पवित्रता से निभाते भी थे, पहले प्रेम में इज्जत को पहल दी जाती थी, वही अब लोग जिसको प्यार करते थे उसकी इज्जत तार-तार करने में भी। संकोच नही करते है। यहां तक कि अब आमतौर पर देखने को मिलता है कि लोग सार्वजनिक अस्थानो पर अश्लीलता प्रदर्शन करने का मौका नहीं छोड़ते है, जबकि पहले लोग आंखो को शर्म से झुका लिया करते थे।

प्रेम की वास्तविकता बताते हुए परमेश्वर कबीर साहेब जी बताते है- 

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छीन ही चढ़े छीन उतरे, सो तो प्रेम ना होए।

उधट प्रेम पिंजर बसे, प्रेम कहावे सोए।।

 Valentine Day week: 

वैलेंटाइन डे वीक 7 फरवरी से 14 फरवरी तक

वैलेंटाइन डे वीक 7 फरवरी से शुरू हो जाता है और यह 14 फरवरी तक चलता है हर दिन का एक अलग ही महत्व होता है और लोग इसे अलग अलग तरीके से मनाते हैं।


इसमें कोई दो राय नहीं है की चरित्रहीन लोग इसको अलग-अलग रूप में मनाते हैं इसका अलग अलग महत्व है। लेकिन आपको बता दें यह सभी दिवस हमारे सभ्य समाज के लिए बहुत ही हानिकारक हैं चरित्रहीन को बढ़ावा देने वाले हैं हमें ऐसे दिनों का बहिष्कार करना चाहिए तथा सद्भक्ति करना चाहिए। पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी की वाणी से समझे
 

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कबीर साईं मिलेंगे, पूछेंगे कुशलात।

आदि अंत की सब कहूं, अपने दिल की बात।।
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बचपन गई ये जवानी भी जायेगी, घणा अंधेरा छावेगा।

वृद्ध अवस्था गर्दन हाले, तेरा मूंह भी गेल्या बावेगा।।

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कबीर, थे उपर ने पैर तले ने सिर तेरा।

रोए था की भजन करूंगा हरी तेरा।।

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उस समर्थ की रीझ छिपाई, अब कुल कुटुंब से नाता।

गर्भ के अंदर वचन भरे थे, कहा गई वो बाता।।


Valentine Day 2022 पर सतज्ञान द्वारा कैसे बने चरित्रवान?

 जैसा कि आप सभी जानते हैं कि वर्तमान समय में कितनी बुराई घर कर गई है ना शर्म आ रही ना लाज भाई बहन का प्यार नहीं रहा सभी को केवल माया माया दिखाई देती है छोटे बड़े का आदर नहीं रहा स्वार्थ बस मानवता को भूलकर लोग एक दूसरे के साथ कैसा बर्ताव कर रहे है यह आपको परिचित करने की जरूरत नहीं है सत्य ज्ञान के अभाव से अफसर लोग अपने से छोटे बड़े का आदर नहीं करते हैं।
समाधान है कि स्कूल और कॉलेज में अध्यात्मिक सब्जेक्ट जोड़ा जाना चाहिए बच्चे अच्छी शिक्षा के साथ-साथ विचारवान तथा चरित्र वाले बने और समाज के सभी जनमानस का सम्मान आदर कर सकें और परमात्मा की खोज भी कर सके सिनेमाघरों में फिल्मों की जगह अध्यात्मिक ज्ञान का सत्संग चलाएं ताकि सभी सत्संग सुन सके अपना आचार विचार शुद्ध बनाकर परमात्मा से जुड़ सकें। 

तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के बताए रास्तों से समाज बनेगा संस्कारवान।

जैसा की आप सभी ऊपर पढ़ ही चुके हैं कि समाज में कितनी बुराई फैल चुकी है की प्रेम के पवित्र रिश्ता में भी कुरीति इन कुरीतियों को तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के बताए रास्तों पर चलकर जड़ से खत्म किया जा सकता है और वही होगा वैलेंटाइन डे मनाने का सही तरीका परमात्मा से प्रेम करें मानव जीवन के लिए दुर्लभ जीवन का कृतार्थ करे।संत रामपाल जी महाराज इंसान को उस सच्चे परमात्मा से जोड़ते हैं जो सारे बंधनों का शत्रु है। लोग और सरकार लाखों प्रयास करके बदलाव नही कर पा रही हैं। परमात्मा ही समर्थ है और वही सारे बुराई को छुड़वा सकता है और सत्य के रास्ते पर मोड़ सकता है। तो चलिए जानते हैं कि पूर्ण परमात्मा कौन है?
      
                            

1. श्री गुरु नानक ने अपनी वाणी में अस्पष्ट किया है कि वह पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब है जो धानक रूप में काशी में रहते थे इसका प्रमाण श्री गुरु ग्रंथ साहिब के राग "सिरी" महला 1 पृष्ठ नं. 24 पर शब्द नं. 29 है।

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एक सुआन दुई सुआनी नाल, भलके भौकही सदा बिआल।

कूड छुरा मुठा मुरदार, घाणक रूप रहा करतार।।


2. पूर्ण परमात्मा कबीर देव बालक के रूप में कमल के फूल पर प्रकट होते है। परमात्मा का प्रकटीकरण मां के गर्भ से नहीं होता है। वह परमात्मा कुआरी गाय का दूध पीता है। वह सतज्ञान को सरल भाषा में अपने मुख से लोगो तक पहुंचाता है इसका प्रमाण ऋग्वेद मण्डल 9 सुप्त 96 मंत्र 1 है।
3. नानक साहिब जी ने अपने अमृतवाणी में स्पष्ट रूप से पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी का जिक्र किया है। नानक साहेब जी ने स्पष्ट रूप से लिखा है कि जो जिंदा महात्मा के रूप में मिले थे वह कोई और नहीं था काशी वाले कबीर साहेब जी थे। नानक साहिब जी की बहुत सी वाणी में यह प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी हैं इस सृष्टि के रचनाहार है।

 अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखिए साधना टीवी शाम 7:30 बजे।

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